वो जो अटल था
——- जो हार नहीं मानता था जो रार नहीं ठानता था वो अब चुप है वो अब चला गया बिना बोले बिना कहे शायद बरसों पहले उसने लड़ना छोड़ दिया था ! अचानक से श्रधांजलियाँ दी जा रहीं हैं सोशल मीडिया अटा पड़ा है पुराने विडीओ फ़ोटो अतीत के संदूक को झाड़ आज बाहर निकल रहे हैं पुरानी कविताएँ आज ताज़ा हो गयीं हैं पर अब इन सबका उस पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता मीडिया hyperactive हो चला है सोए सुस्ताए लोग भी पर शेर की तरह दहाड़ने वाला अटल चुप है ! वो बरसों पहले चुप हो गया था किसी ने सुध नहीं ली इतिहास के हाशिए में पहुँच वो शांत था अपने घर के भीतर । उसे किसी के सहारे या झूठे सत्कार की ज़रूरत नहीं थी वो आया था कुछ कर गुज़रने बहुत कुछ कर बस यूँ ही गुज़र गया वो तब भी अटल था वो अब भी अटल है बस पलटी तो हमने मारी है । -श्रद्धा सुमन सहित द्वारिका उनियाल 16/08/2018
0 Comments
|
Details
AuthorOfficial Blog of IndiaGlobal. Authors are invited to submit articles and views. Contact us for more information. Archives
July 2020
Categories |